लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी: चीन और पाकिस्तान क्यों चिंतित हैं नए भारतीय सेना प्रमुख को लेकर
परिचय:
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, जिन्हें भारतीय सेना के नए प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है, ने चीन और पाकिस्तान दोनों में चिंताएँ बढ़ा दी हैं। इस लेख में इन चिंताओं के कारणों पर चर्चा की जाएगी और द्विवेदी की महत्वपूर्ण उपलब्धियों और भारत की सैन्य संचालन में उनके योगदान का विश्लेषण किया जाएगा।
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी कौन हैं?
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी 30 जून, 2024 को भारतीय सेना की कमान संभालेंगे, और जनरल मनोज पांडे की जगह लेंगे। वर्तमान में सेना के उप प्रमुख के रूप में सेवा दे रहे द्विवेदी का लगभग चार दशकों का शानदार सैन्य करियर है।
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी की प्रमुख उपलब्धियाँ
1. व्यापक सैन्य करियर:
- 15 दिसंबर 1984 को भारतीय सेना में शामिल हुए।
- जम्मू और कश्मीर राइफल्स की 18वीं बटालियन के साथ एक द्वितीय लेफ्टिनेंट के रूप में शुरुआत की।
- जम्मू और कश्मीर और उत्तर पूर्व जैसे चुनौतीपूर्ण वातावरण में विभिन्न कमांडिंग पदों पर कार्य किया।
2. प्रमुख ऑपरेशन:
- ऑपरेशन रक्षक (1990): जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद के चरम पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- ऑपरेशन राइनो (1989): असम में यूएलएफए आतंकवादियों के खिलाफ अभियानों का नेतृत्व किया।
- राजस्थान और मणिपुर में कई ऑपरेशन: विभिन्न सैन्य मिशनों में नेतृत्व और रणनीतिक कौशल का प्रदर्शन किया।
3. अंतरराष्ट्रीय अनुभव:
- सोमालिया में मुख्यालय USM Two के हिस्से के रूप में सेवा दी।
- सेशेल्स सरकार के लिए सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य किया।
4. तकनीकी उन्नति:
- भारतीय सेना में बिग डेटा एनालिटिक्स, एआई, क्वांटम और ब्लॉकचेन तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा दिया।
5. सीमा विवादों का समाधान:
- उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान भारत-चीन सीमा विवाद को संबोधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
6. स्वदेशी हथियारों का प्रचार:
- भारतीय निर्मित हथियारों के उपयोग का समर्थन किया, जिससे आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण में योगदान हुआ।
चीन और पाकिस्तान क्यों चिंतित हैं?
1. उत्तरी और पश्चिमी कमांड में रणनीतिक विशेषज्ञता:
- भारतीय सेना के उत्तरी और पश्चिमी कमांडों में द्विवेदी के व्यापक अनुभव ने उन्हें चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा विवादों को संभालने में रणनीतिक बढ़त दी है।
2. आतंकवाद विरोधी अभियानों में सिद्ध नेतृत्व:
- जम्मू और कश्मीर और उत्तर पूर्व में आतंकवाद विरोधी अभियानों में उनके सफल नेतृत्व ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी गतिविधियों के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती प्रस्तुत की है।
3. तकनीकी एकीकरण:
- सैन्य अभियानों में उन्नत तकनीकों को बढ़ावा देने से भारतीय सेना की क्षमताओं में वृद्धि हो सकती है, जिससे सीमा संघर्षों और विवादों में यह और भी मजबूत हो जाएगी।
4. सीमा सुरक्षा पर दृढ़ रुख:
- चीन के वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और पाकिस्तान के नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारत की सीमाओं को बनाए रखने और सुरक्षित रखने पर उनका दृढ़ रुख किसी भी घुसपैठ या विवाद से निपटने में एक सक्रिय दृष्टिकोण का संकेत देता है।
निष्कर्ष
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी की भारतीय सेना के नए प्रमुख के रूप में नियुक्ति रणनीतिक और तकनीकी प्रगति की एक लहर लेकर आती है। विभिन्न सैन्य अभियानों में उनके व्यापक अनुभव और सिद्ध नेतृत्व ने उन्हें भारत के रक्षा परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बना दिया है। चीन और पाकिस्तान की चिंताएँ उनके सीमा सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी अभियानों में सख्त दृष्टिकोण से उत्पन्न होती हैं, जो भारत के अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों की गतिशीलता को फिर से आकार दे सकती हैं।
Lieutenant General Upendra Dwivedi: Why China and Pakistan are Concerned About the New Indian Army Chief
Introduction:
Lieutenant General Upendra Dwivedi, appointed as the new Chief of the Indian Army, has raised concerns in both China and Pakistan. This article delves into the reasons behind these concerns and examines Dwivedi’s significant achievements and contributions to India’s military operations.
Who is Lieutenant General Upendra Dwivedi?
Lieutenant General Upendra Dwivedi will assume command of the Indian Army on June 30, 2024, succeeding General Manoj Pandey. Currently serving as the Vice Chief of the Army, Dwivedi has an illustrious military career spanning nearly four decades.
Major Achievements of Lieutenant General Upendra Dwivedi
1. Extensive Military Career:
- Joined the Indian Army on December 15, 1984.
- Started as a Second Lieutenant with the 18th Battalion of the Jammu and Kashmir Rifles.
- Held various commanding positions in challenging environments, including Jammu and Kashmir and the Northeast.
2. Key Operations:
- Operation Rakshak (1990): Played a crucial role during the peak of terrorism in Jammu and Kashmir.
- Operation Rhino (1989): Commanded operations against ULFA terrorists in Assam.
- Multiple Operations in Rajasthan and Manipur: Demonstrated leadership and strategic prowess in various military missions.
3. International Experience:
- Served in Somalia as part of the Head Quarter USM Two.
- Acted as a military advisor to the government in Seychelles.
4. Technological Advancements:
- Promoted the use of Big Data Analytics, AI, Quantum, and Blockchain technologies within the Indian Army.
5. Resolving Border Disputes:
- Played a vital role in addressing the India-China border dispute, particularly during his tenure as the General Officer Commanding-in-Chief of the Northern Command.
6. Promoting Indigenous Weaponry:
- Advocated for the use of Indian-made weapons, contributing to the vision of a self-reliant India.
Why are China and Pakistan Concerned?
1. Strategic Expertise in Northern and Western Commands:
- Dwivedi’s extensive experience in both the Northern and Western commands of the Indian Army gives him a strategic edge in handling border disputes with China and Pakistan.
2. Proven Leadership in Anti-Terrorism Operations:
- His successful leadership in anti-terrorism operations, particularly in Jammu and Kashmir and the Northeast, poses a significant challenge to terrorist activities supported by Pakistan.
3. Technological Integration:
- Dwivedi’s push for advanced technologies in military operations can enhance the Indian Army’s capabilities, making it more formidable in border skirmishes and conflicts.
4. Strong Stance on Border Security:
- His firm stance on maintaining and securing India’s borders, especially with China at the Line of Actual Control (LAC) and with Pakistan at the Line of Control (LOC), indicates a proactive approach in dealing with any incursions or disputes.
Conclusion
Lieutenant General Upendra Dwivedi’s appointment as the new Chief of the Indian Army brings a wave of strategic and technological advancements. His extensive experience and proven leadership in various military operations make him a significant figure in India’s defense landscape. The concerns from China and Pakistan stem from his robust approach to border security and anti-terrorism, which could reshape the dynamics of India’s relations with its neighbors.