New Telecom Bill in India: Major Changes to 138-Year-Old Laws!

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New Telecom Bill in India: Major Changes to 138-Year-Old Laws!

The newly implemented Telecommunication Act 2023 is revolutionizing India’s telecom sector by replacing the 138-year-old Indian Telegraph Act 1885 and the Indian Wireless Telegraphy Act 1933. This landmark legislation, effective from June 26, 2024, ushers in significant changes aimed at modernizing telecom regulations to align with contemporary needs.

The Telecommunication Act 2023

1. Limited SIM Card Ownership

Under the new law, an individual can own a maximum of nine SIM cards throughout their lifetime. Exceeding this limit can result in fines ranging from ₹50,000 to ₹2,00,000 or even imprisonment for fraudulent SIM acquisitions.

2. Auction-Based Spectrum Allocation

All telecom spectrum allocations will now be conducted through competitive auctions to ensure transparency and prevent scams. This change addresses past issues, such as the 2G scam, ensuring fair distribution of spectrum resources.

3. National Security Measures

The government now holds the authority to intercept, monitor, and block communications for reasons of public safety, emergency, or state security. This includes taking temporary control of telecom infrastructure during emergencies.

4. Enhanced Cyber Security

The Act empowers the government to regulate and restrict the import of telecom equipment from countries perceived as threats to national security. This measure aims to protect India’s telecom infrastructure from potential cyber-attacks.

Satellite Communications and Future Innovations

With the new law, companies like Elon Musk’s SpaceX can now own and operate satellites in India, fostering innovation and growth in satellite internet services. The Act also facilitates spectrum allocation for future space technologies, including projects like Starlink.

Right of Way and Infrastructure Development

The government now has the right to facilitate telecom infrastructure development by granting right-of-way over both public and private properties. This means that telecom towers and equipment installations can proceed without hindrances from property owners.

New Regulations for Service Providers

Telecom operators are mandated to implement biometric authentication to prevent spam and fraudulent activities. Additionally, an online grievance mechanism will be established to handle consumer complaints effectively.

Changes in Telecom Regulatory Authority of India (TRAI)

The Act stipulates that members and chairpersons of TRAI must have extensive experience in the telecom field, with a minimum of 25 to 30 years respectively. This ensures that the regulatory body is led by highly qualified and experienced professionals.

Renaming of Funds and Emphasis on Research

The Universal Service Obligation Fund of India has been renamed to Digital Bharat Nidhi Fund, focusing on research and development within the telecom sector.

Conclusion

The Telecommunication Act 2023 is a comprehensive reform that addresses modern challenges in the telecom sector, enhances national security, and promotes technological innovation. By moving away from colonial-era laws, India is positioning itself for a more secure and advanced digital future.

For more detailed information, visit the official Telecom Regulatory Authority of India (TRAI) website.

भारत में नया दूरसंचार विधेयक: 138 साल पुराने कानूनों में बड़े बदलाव!

नया लागू किया गया दूरसंचार अधिनियम 2023 भारत के दूरसंचार क्षेत्र में क्रांति ला रहा है, 138 साल पुराने भारतीय तार अधिनियम 1885 और भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम 1933 को बदल रहा है। यह ऐतिहासिक कानून, 26 जून 2024 से प्रभावी, समकालीन आवश्यकताओं के साथ दूरसंचार विनियमों को संरेखित करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण बदलाव लाता है।

दूरसंचार अधिनियम 2023 के मुख्य प्रावधान

1. सिम कार्ड स्वामित्व की सीमा

नए कानून के तहत, एक व्यक्ति अपने पूरे जीवनकाल में अधिकतम नौ सिम कार्ड रख सकता है। इस सीमा से अधिक होने पर ₹50,000 से ₹2,00,000 तक का जुर्माना या धोखाधड़ी सिम अधिग्रहण के लिए जेल भी हो सकती है।

2. नीलामी आधारित स्पेक्ट्रम आवंटन

अब सभी दूरसंचार स्पेक्ट्रम आवंटन पारदर्शिता सुनिश्चित करने और घोटालों को रोकने के लिए प्रतिस्पर्धी नीलामी के माध्यम से किए जाएंगे। यह बदलाव, 2G घोटाले जैसी पिछली समस्याओं का समाधान करता है, और स्पेक्ट्रम संसाधनों के निष्पक्ष वितरण को सुनिश्चित करता है।

3. राष्ट्रीय सुरक्षा उपाय

सरकार के पास अब सार्वजनिक सुरक्षा, आपातकाल या राज्य की सुरक्षा के कारणों के लिए संचार को अवरोधित, निगरानी और अवरुद्ध करने का अधिकार है। इसमें आपातकालीन स्थितियों के दौरान दूरसंचार बुनियादी ढांचे पर अस्थायी नियंत्रण लेना भी शामिल है।

4. साइबर सुरक्षा को बढ़ाना

अधिनियम सरकार को उन देशों से दूरसंचार उपकरणों के आयात को विनियमित और प्रतिबंधित करने का अधिकार देता है जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में देखे जाते हैं। यह उपाय भारत के दूरसंचार बुनियादी ढांचे को संभावित साइबर-हमलों से बचाने का लक्ष्य रखता है।

उपग्रह संचार और भविष्य के नवाचार

नए कानून के साथ, एलोन मस्क की स्पेसएक्स जैसी कंपनियां अब भारत में उपग्रहों का स्वामित्व और संचालन कर सकती हैं, जो उपग्रह इंटरनेट सेवाओं में नवाचार और वृद्धि को बढ़ावा देती हैं। अधिनियम भविष्य की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन की भी सुविधा देता है, जिसमें स्टारलिंक जैसी परियोजनाएं शामिल हैं।

राइट ऑफ वे और बुनियादी ढांचा विकास

सरकार के पास अब दूरसंचार बुनियादी ढांचे के विकास को सुविधाजनक बनाने का अधिकार है, जिससे सार्वजनिक और निजी संपत्तियों दोनों पर अधिकार प्राप्त हो सके। इसका मतलब है कि दूरसंचार टावरों और उपकरणों की स्थापना संपत्ति मालिकों से बाधाओं के बिना आगे बढ़ सकती है।

सेवा प्रदाताओं के लिए नए नियम

स्पैम और धोखाधड़ी की गतिविधियों को रोकने के लिए दूरसंचार ऑपरेटरों को बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण लागू करना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त, उपभोक्ता शिकायतों को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए एक ऑनलाइन शिकायत तंत्र स्थापित किया जाएगा।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) में परिवर्तन

अधिनियम में कहा गया है कि TRAI के सदस्य और अध्यक्ष बनने के लिए दूरसंचार क्षेत्र में व्यापक अनुभव होना चाहिए, जिसमें न्यूनतम 25 से 30 वर्षों का अनुभव शामिल है। यह सुनिश्चित करता है कि नियामक निकाय अत्यधिक योग्य और अनुभवी पेशेवरों द्वारा संचालित हो।

निधियों का नामकरण और अनुसंधान पर जोर

भारत के सार्वभौमिक सेवा दायित्व निधि का नाम बदलकर डिजिटल भारत निधि कर दिया गया है, जो दूरसंचार क्षेत्र के भीतर अनुसंधान और विकास पर केंद्रित है।

निष्कर्ष

दूरसंचार अधिनियम 2023 एक व्यापक सुधार है जो दूरसंचार क्षेत्र में आधुनिक चुनौतियों का समाधान करता है, राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाता है, और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देता है। औपनिवेशिक युग के कानूनों से आगे बढ़कर, भारत एक अधिक सुरक्षित और उन्नत डिजिटल भविष्य के लिए खुद को तैयार कर रहा है।

अधिक विस्तृत जानकारी के लिए, आधिकारिक भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) वेबसाइट पर जाएं।

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